विपश्यना
सत्यनारायण गोयन्काजी द्वारा सिखायी गयी

साधना
सयाजी ऊ बा खिन की परंपरा मैं
विशेष शिविर के लिए योग्यता
पुराने साधक याने वो, जिन्होनें स. ना. गोयन्काजी अथवा उनके सहायक आचार्यों के साथ किमान एक १०-दिवसीय शिविर पूर्ण किया है.
पूराने साधकों को नीचे दिये गए शिविरों में धम्मसेवा का अवसर प्राप्त हो सकता है.
विपश्यना (Vipassana) की इस परंपरा में पुराने साधकों के लिए कई विशेष शिविर आयोजित किये जाते हैं। इन शिविरोके प्रवेश के लिए कुछ आवश्यकताएं होती है जो सभी पुराने साधाकोको प्रवेश के लिये अर्हता से मिलनी होगी। बुनियादी योग्यता आवश्यकताएं इस प्रकार हैं -
पुराने साधकों के एक दिवसीय अथवा तीन दिवसीय शिविर
आचार्य गोयन्काजी अथवा उनके सहायकों के मार्गदर्शन में कमसे कम एक दस दिवसीय पूरा किया होना चाहिए। औरों पर रेकी अथवा अन्य कोई शक्तिपात सदृश तकनिक का प्रयोग करने वाले इन शिविरों में भाग न लें। शीलों के पालन का यथाशक्ति प्रयत्न हों।
सतिपट्ठान सुत्त (Satipaṭṭhāna Sutta) शिविर
सतिपठ्ठान सुत्त पुराने साधक शिविर के लिए आवश्यकताएँ
- गोयन्काजी अथवा उनकी सहायक शिक्षकों साथ कम से कम तीन १० दिवसीय शिविर बैठे है. इनमें जिन शिविरो में सेवा दी है ऐसे शिविर शामिल नहीं है.
- कम से कम एक वर्ष के लिए स. ना. गोयन्का द्वारा सिखाये गये विपश्यना ध्यान का अभ्यास किया है.
- गोयन्काजी या उनके सहायक शिक्षकों के साथ किये गये अंतिम शिविर के बाद किसी भी अन्य तकनीकका अभ्यास नहीं किया है.
- शिविर के लिए आवेदन देने के बाद कम से कम दैनिक अभ्यास को बनायें रखने की कोशिश कर रहें हैं.
- शिविर के लिए आवेदन देने के बाद कम से कम पांच शीलों को बनाये रखनें की कोशिश कर रहें हैं.
गंभीर पुराने साधकों के लिए स्वयं शिविर
स्वयं शिविर उन गंभीर पुराने साधकों के लिए होते हैं जिन्होंने कमसे कम तीन दस दिवसीय शिविर किए हो। आखरी दस दिवसीय शिविर पिछले दो सालो में ली गयी होनी चाहिए। केंद्रों पर ऐसे शिविरों के दौरान सहायक आचार्य अथवा व्यवस्थापक नहीं होते एवं सहायक आचार्य के अनुपस्थिती के कारण दोपहर की वार्ता एवं प्रश्नोत्तर का समय भी नहीं होता। शाम के प्रवचन आवश्यक होते हैं एवं शिविरार्थियों को टेप को चलाना होता है।
दस दिवसीय शिविर की समय सारिणी का पालन करना होता है। केंद्र पर रहते हुए सभी नियमों का एवं अनुशासन का (जैसे कि आर्य मौन, अष्टशील) पालन करें। आचार्य गोयन्काजी अथवा उनके सहायकों के मार्गदर्शन में आखरी दस दिवसीय शिविर लेने के बाद किसी अन्य साधना-विधि का अभ्यास नहीं किया हो। पिछले दस दिवसीय शिविर के पश्चात दिन में दो घंटो की साधना करने का प्रयत्न। पंचशीलों का यथाशक्ति पालन। किसी सहायक आचार्य की अनुमति।
पुराने साधकों के लिए विशेष गंभीर दस दिवसीय शिविर
14-Day Gratitude Course
14-Day Gratitude Course Requirements are:
- Must be a serious old student who is active in giving Dhamma Service.
- Must be practicing Vipassana exclusively (not practicing any other meditation techniques).
- Must have sat at least one Satipaṭṭhāna Sutta course and three 10-Day courses.
- Must be trying to maintain the five precepts to the best of one’s ability.
- Must be trying to maintain two-hour daily practice since last 10-Day course.
- Must have local Teacher’s recommendation.
बीस दिवसीय शिविर
तीस दिवसीय शिविर
पैतालीस दिवसीय शिविर
- इस साधना पद्धतीमें प्रतिबद्ध पुराने गंभीर साधक होना जरूरी है।
- धम्मसेवामें जुडे हुए और सहाय्यक आचार्योंतक सीमित है।
- श्री गोयेन्काजी या उनके सहाय्यक आचार्योंके साथ कमसे कम सात दस दिवसीय शिविर पूरा किया हो।
- केवल यह साधना पद्धती पिछले कमसे कम ३ सालोंसे करते हो।
- कमसे कम दो ३० दिवसीय शिविर पूरा करना जरूरी है। .
- कमसे कम दो सालोंसे दो घंटे प्रतिदिन साधना जरूरी है।
- कमसे कम एक सालसे हत्या, यौन दुराचार, मादक पदार्थों से परहेज़ हो तथा यथाशक्ति दुसरे शीलका पालन करनेवाले हो।
- पिछले दीर्घ शिविर के बाद कम से कम छह महीने का अंतराल हो।
- दीर्घ शिविर और कोई अन्य शिविर के बीच दस दिन का अंतराल.हो।
- दीर्घ शिविर में भाग लेनेवाले साधकके पति या पत्नीका समर्थन जरूरी है।
- ४५ दिनोंवाले पहले दीर्घ शिविर के लिये पहले ३० दिवसीय शिविर के बाद कमसे कम एक १० दिवसीय शिविर पूरा करना आवश्यक है।
- सभी पुष्टियां ३० दिन तक अंतरिम।
साठ दिवसीय शिविर
- इस साधना पद्धतीमें प्रतिबद्ध पुराने गंभीर साधक होना जरूरी है।
- धम्मसेवामें गहराइसे जुडे हुए और सहाय्यक आचार्योंतक सीमित।
- कमसे कम गये ५ सालसे केवल इस साधना पद्धतीका अभ्यास करने वाले हो।
- कमसे कम २ सालसे प्रतिदिन दो घंटे इस साधनापद्धतीका अभ्यास करनेवाले हो।
- कमसे कम एक सालसे हत्या, यौन दुराचार, मादक पदार्थों से परहेज़ हो तथा यथाशक्ति दुसरे शीलोंका पालन करनेवाले हो।
- पिछले दीर्घ शिविर के बाद कम से कम छह महीने का अंतराल हो।
- दीर्घ शिविर और कोई अन्य शिविर के बीच दस दिन का अंतराल हो।
- दीर्घ शिविरे में भाग लेनेवाले साधकके पति या पत्नीका समर्थन जरूरी है।
उपरोक्त योग्यता न्यूनतम योग्यता है, उसके बावजूद प्रवेश न मिलें ऐसा हो सकता है। विशेष दस दिवसीय शिविर, बीस दिवसीय शिविर, तीस दिवसीय शिविर, पैतालीस दिवसीय शिविर, साठ दिवसीय शिविर एवं आचार्य स्वयं शिविर के लिए ऐसे सहायक आचार्य की जो आपको अच्छी तरह जानता हो एवं आपके क्षेत्र के क्षेत्रिय आचार्य की अनुशंषा आवश्यक है।